ट्रंप ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख को प्राइवेट लंच पर बुलाया; व्हाइट हाउस के बंद कमरे में दोनों के बीच बैठक, भारत को आखिर क्या संकेत?

Donald Trump Private Lunch With Pakistan Army Chief Asim Munir
Trump-Asim Munir Meeting: पाकिस्तान के खिलाफ भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' को रोके जाने पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयानों ने विवाद पैदा किया। ट्रंप ने जहां अमेरिका द्वारा सीजफायर करवाने का राग अलापा तो वहीं पाकिस्तान की लीडरशिप की तारीफ भी ट्रंप के मुंह से सुनी गई। अब भारत के लिए और चौंकाने वाली खबर यह आई है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आज पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के साथ लंच मीटिंग करने वाले हैं।
व्हाइट हाउस के बंद कमरे में दोनों के बीच लंच पर बैठक
बताया जा रहा है कि, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के जहरीले सेना प्रमुख मुनीर को प्राइवेट लंच पर बुलाया है। वाशिंगटन स्थित व्हाइट हाउस के बंद कमरे में दोनों के बीच लंच पर बैठक होगी। जानकारी मिली है कि ट्रंप आज बुधवार दोपहर 1 बजे बंद कमरे में लंच बैठक के लिए पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर की मेज़बानी करने वाले हैं। पाकिस्तानी सेना प्रमुख मुनीर के साथ यह लंच मीटिंग चर्चा का विषय बनी हुई है। खासकर इस मीटिंग से भारत के संबंध में कई मायने निकाले जा रहे हैं।
भारत को आखिर क्या संकेत?
पाकिस्तान के सेना प्रमुख के साथ ट्रम्प का लंच करना। माना जा रहा है कि अब यह कुछ ज्यादा ही हो गया है। ट्रंप की यह लंच मीटिंग ऐसे समय पर हो रही है, जब एक तरफ वैश्विक तनाव है, इजरायल-ईरान युद्ध के बीच खुद अमेरिका, ईरान के साथ लगभग युद्ध जैसी स्थिति में खड़ा है। इसके अलावा भारत और पाकिस्तान के बीच के हाल में तनावपूर्ण घटनाक्रम के बाद पाकिस्तान के सेना प्रमुख मुनीर का पहली बार अमेरिका पहुंचना और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मिलना हो रहा है।
पाकिस्तान की तरफ अमेरिका का झुकाव?
यह लंच मीटिंग इस बात का इशारा कर रही है कि अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों में रणनीतिक-कूटनीतिक गतिशीलता बढ़ रही है। इस मीटिंग से अमेरिका और ट्रम्प ने दुनिया को बताया है कि दक्षिण एशिया में उनका रणनीतिक और पुराना दोस्त कौन है। माना जा रहा है कि, यह भारतीय सरकार के लिए कई स्तरों पर बड़ा झटका है, जिसकी शुरुआत कूटनीति से होती है। भारत को इस ओर चेतना होगा।
ईरान के खिलाफ पाकिस्तान का इस्तेमाल?
वहीं असीम मुनीर और ट्रंप की यह लंच मीटिंग ईरान से भी जोड़कर देखी जा रही है। ट्रंप के हालिया बयानों से स्पष्ट है कि यह लड़ाई सिर्फ ईरान को परमाणु बम बनाने और इजरायल की सुरक्षा को लेकर नहीं है। अमेरिका का असल मकसद है ईरान की इस्लामिक सत्ता को बदलना और उसे अंदर से अस्थिर करना है। ऐसे में पाकिस्तान अमेरिका के लिए एक 'इंस्ट्रूमेंटल पार्टनर' के तौर पर काम आ सकता है। ईरान के साथ पाकिस्तान की लंबी सरहद है। ऐसे में अमेरिका वहां से निगरानी, रसद, और सैन्य सपोर्ट जरूर लेगा। मतलब कैसे अमेरिका सिर्फ अपनी सुविधा और हित देखकर फैसले लेता है।